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लेखनी प्रतियोगिता -30-Jan-2023


चिंता हो या कोई दुख
या कोई भी दुविधा हो
एक संयम ही आलम्बन है
चाहे कोई भी असुविधा हो।

दुख क्या है और दिक्कत क्या है
संयम का ही आभाव सभी
जब संयम कम हो जाता है
तब मन को घेरे व्याधि सभी ।

मन का संयम सब शोक हरे
तन का संयम सब रोग हरे
सुख में संयम अभिमान हरे
दुख में संयम दुख दूर करे।

ये सबसे सुंदर गहना है
व्यक्तित्व का रूप सजाने को
संयम ही मार्ग बनाता है
आगे ही चलते जाने को।

संयम नारी की शोभा है
और पुरुषों की पहचान भी है
हर व्यक्ति की मर्यादा ये है
और ईश्वर का गुणगान भी है।



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6 Comments

Pranali shrivastava

31-Jan-2023 02:52 PM

V nice

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 11:35 AM

Nice

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Punam verma

31-Jan-2023 08:16 AM

Very nice

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